Attitude For Life
कैद सैलाब दिल में औ, आँखों में मौज़-ए-कश्ती लिए फिरता है ....बड़ी संजीदगी से वो, ज़माने से जुदा अपनी हस्ती लिए फिरता है ...
देखा सब पर, उससा अजीब ना मैंने कोई शख्श देखा जहां में...
किसी फिदरत सी, दिल में जंग और चहरे पर मस्ती लिए फिरता है ...
- आलोक उपाध्याय
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